How hindi poetry can Save You Time, Stress, and Money.

आन पे हो जाएँ कुर्बान, हम बच्चे है हिंदुस्तान के

जिसमें भरकर पान कराता वह बहु रस-रंगी हाला,

सकुशल समझो मुझको, सकुशल रहती यदि साकीबाला,

हरे हरे नव पल्लव, तरूगण, नूतन डालें, वल्लरियाँ,

कहा करो 'जय राम' hindi poetry न मिलकर, कहा करो 'जय मधुशाला'।।२९।

इक ख़ुशी का राज़ पिन्हाँ जादा-ए-मंज़िल में है

चंचल नदियाँ साकी बनकर, भरकर लहरों का प्याला,

हो तो लेने दो ऐ साकी दूर प्रथम संकोचों को,

ऋषि सा ध्यान लगा बैठा है हर मदिरा पीने वाला,

प्रति रसाल तरू साकी सा है, प्रति मंजरिका है प्याला,

लहराए तिरंगा आकाश में, हर दिल में उल्लास हो बेश।

उतर नशा जब उसका जाता, आती है संध्या बाला,

एक बार ही तो मिलनी है जीवन की यह मधुशाला।।६२।

आज सजीव बना लो, प्रेयसी, अपने अधरों का प्याला,

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